Lab Technician Association’s strike continues on the thirteenth day उमरिया – समस्त लैब टेक एसोसिएशन की हड़ताल के तेरहवें दिन भी जारी है। पूर्व में हड़ताली कर्मचारियों ने अपना अपना ब्लड सैंपल एकत्रित कर मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को रक्त से पत्र लिखकर अपनी मांगो को पूरा करने का अनुरोध किया है, साथ ही पैथोलॉजी जांच का कार्य करने वाले साइंस हाउस के कर्मचारियों एवम कंपनी पर भी जमकर बरसे ।
ज्ञापन देते लैब एशोसिएशन के लोग
जिला अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि पैथोलॉजी जांच के लिए साइंस हाउस के कर्मचारी अनाधिकृत रूप से कार्य कर रहे है उन्हे सिर्फ मशीन के रखरखाव हेतु रखा गया है लेकिन अब उनसे कंपनी अपने फायदे के लिए सैंपलिंग से लेकर जांच तक का कार्य करवा रही है जिससे मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, संगठन की सदस्य प्रियंका खान ने बताया कि कंपनी अपने लाभ के लिए अनुचित रूप से अनाधिकृत कार्य कर रही है जो काम नियमित लैब टेक्नीशियन का है उसे अप्रशिक्षित प्राइवेट कर्मचारी करके सीधे कंपनी को लाभ पहुंचा रहे है साथ ही मरीजों की जान से खिलवाड़ भी कर रहे हैं। इनकी 13 सूत्रीय मांगे इस तरह हैं 1 – पदनाम परिवर्तन – लैब टेक्नीशियन का नाम मेडिकल लैब ऑफिसर और मेडिकल लैब टेक्निकल ऑफिसर किया जाए। 2 – वेतनमान का पुनर्निर्धारण कर ग्रेड पे 2800 से 4200 किया जाय। 3 – नियत समय में पदोन्नति किया जावे। 4 – संविदा लैब टेक्नीशियन का नियमितीकरण किया जावे। 5 – प्रदेश के समस्त टेक्नीशियन असिस्टेंट का पदनाम पूर्व की तरह लैब असिस्टेंट किया जावे एवं ग्रेड पर 2800 किया जाए । 6 – लैब अटेंडेंट का ग्रेड पे 2400 किया जाए। 7 – वर्ष 2019 से शासन द्वारा नियुक्त हो रहे नियमित लैब टेक्नीशियनओ को प्रथम 3 वर्ष तक मूल वेतन का क्रम 70-80 90% स्टाइपेंड देने की नीति लागू की गई थी जो कि पूर्णता अनुचित है नियुक्ति दिनांक से ही 100% वेतन के साथ समस्त सुविधाएं व भत्ते प्रदान किए जाएं साथ ही परिवीक्षा अवधि पूर्ववत 2 वर्ष निर्धारित की जाए। 8 – लैब टेक्नीशियन लैब असिस्टेंट और लैब अटेंडेंट के नियमित पदों की संख्या बढ़ाई जाए एवं पूर्व से रिक्त पदों पर भर्ती की जाए। 9 – लैब टेक्नीशियनो को आगे बढ़ने का मौका दिया जाए प्रदेश के योग्य एवं अनुभवी मेडिकल लैब टेक्नीशियन को सी एच ओ के समान विभागीय प्रशिक्षण/ विभागीय परीक्षा के माध्यम से प्रबंधन एवं अन्य उच्च पदों पर आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए जाएं। 10 – रिस्क एलाउंस एवं अतिरिक्त कार्य भत्ता प्रदान किया जावे जैसे रूटीन ड्यूटी के अतिरिक्त किए जाने वाले कार्य रात्रि कालीन ड्यूटी, आपातकालीन ड्यूटी, वीआईपी ड्यूटी, एलटीटी कैंप, स्वास्थ्य शिविर आदि हेतु अतिरिक्त कार्य भरता निर्धारित किया जाए। 11 – नॉन प्रैक्टिस अलाउंस, प्राइवेट प्रैक्टिस एवं बेसिक जांचों के साथ लैब चलाने की अनुमति प्रदान की जाए। 12 – लैब में कार्य समय और लक्ष्य की पुणे समीक्षा पर नवीन गाइडलाइन निर्धारित की जाए। 13 – प्रदेश में लैब टेक्नीशियनो की भर्ती आउटसोर्स या अस्थाई रूप की अपेक्षा नियमित पदों पर की जाए। जिला भर नहीं पूरे प्रदेश के लैब टेक्नीशियन बिल्कुल ठान कर बैठे हुए हैं कि जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी तब तक हम अपनी हड़ताल को समाप्त नहीं करेंगे आगे देखना है इस सरकार इनकी हड़ताल को देखते हुए इनकी मांगों को लेकर क्या निर्णय देती है। यह चुनावी वर्ष है और सभी संघ सभी वर्ग के लोग अपनी अपनी मांगों को लेकर लगातार हड़ताल पर जाते जा रहे हैं जिससे हर विभागों की स्थिति डांवाडोल हो रही है यदि यही स्थिति रही और इनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले चुनाव में हो सकता है इनका गहरा असर 2003 की तरह ही पड़े।