अदालत के निर्देश तक वर्चुअल कोर्ट का सहारा लें बिहार में अधिवक्ता: समन्वय समिति

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पटना: कोरोना वायरस (Coronavirus) के राज्य में बढ़ती हुई तादाद के मद्देनजर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के तीनों अधिवक्ता संघों के समन्वय समिति ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान अधिवक्ताओं से आग्रह किया गया है कि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और पटना हाईकोर्ट के पूर्ण पीठ के निर्देशों का पालन करते हुए, 15 जून तक सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के अगले आदेश तक मुकदमों को ई-फाइलिंग के माध्यम से दाखिल करें और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बहस में भाग लें.

समिति ने यह भी आशंका जताई है कि, हाईकोर्ट परिसर में एक भी कोरोना के मरीज मिलने की स्थिति में कहीं परिसर को सील नहीं कर दिया जाए. इसके अलावा, समिति ने मुकदमों के फाइलिंग में बगैर किसी शर्त के सरलीकरण करने, नॉन एओआर सदस्यों को ई-फाइलिंग के लिए दी जाने वाली सुविधा पटना हाईकोर्ट तक के अधिवक्ताओं के लिए सीमित करने, ई-फाइलिंग की प्रक्रिया को स्टेप बाई स्टेप समझाते हुए पटना हाईकोर्ट की वेबसाइट पर वीडियो लोड करने, अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में मुकदमों को खारिज नहीं करने, मुकदमों को ज्यादा समय के लिए नहीं टालने, अधिवक्ताओं को बैठने के लिए बनाए गए नए भवन में बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाने, हाई कोर्ट परिसर के सभी भवनों को सैनिटाइज करने व हाई कोर्ट परिसर के निकास व प्रवेश करने के गेट पर सैनिटाइजर की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है.

राज्य भर के अन्य अदालतों को भी सैनिटाइज करने की मांग की गई. समिति ने छत्तीसगढ़ व दिल्ली हाईकोर्ट के खुलने के बाद पुनः संक्रमण की आशंका के कारण आगामी 16 जून तक के लिए बंद कर दिए जाने को भी ध्यान में रखा. परिस्थितियों पर आकलन करने हेतु समिति पुनः आगामी 10 जून को बैठेगी.

पटना हाईकोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों के समन्वय समिति ने चीफ जस्टिस संजय करोल से अनुरोध किया है कि, कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में ही राज्य की कोर्टो में न्यायिक कार्यवाही चले.

इस दौरान, ईमेल के माध्यम से पूर्व की तरह केस फाइलिंग किया जाएगा. साथ ही, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हो.  देश के कई हाईकोर्ट ने न्यायालय की कार्यवाही 15 जून तक के लिए वर्चुअल तरीके से करने का निर्णय लिया है. समन्वय समिति के अध्यक्ष अन्य पदाधिकारियों ने चीफ जस्टिस से कहा है कि, न्यायालय को खोल देने से अनावश्यक भीड़ बढ़ जाएगी. इस पर लोगों के आने पर रोक लगाना मुश्किल हो जाएगा. इतना ही नहीं, प्रदेश में कोरोना वायरस भयानक स्थिति की ओर बढ़ रहा है.

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