डीजीसीए ने इंडिगो, गोएयर के लिए पीडब्ल्यू इंजन बदलने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त की

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नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) भारतीय विमानन नियामक डीजीसीए ने इंडिगो और गोएयर के लिए अपने ए320 नियो विमानों में लगे सभी 60 अपरिवर्तित प्रैट एवं व्हिटनी (पीडब्ल्यूध) इंजनों को बदलने की अंतिम तिथि को सोमवार को 31 मई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया। यह राहत इसलिए दी गई है क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित है। इसके अलावा, नियामक ने दोनों एयरलाइन कंपनियों को केवल उन विमानों का परिचालन करने का निर्देश दिया है जिनमें संशोधित पीडब्ल्यू इंजन लगे हों। इंडिगो और गोएयर के बेड़े में 2016 में शामिल किए गए पीडब्ल्यू इंजन से चलने वाले ए320 विमानों को तब से ही सफर के दौरान और ग्राउंड पर दोनों जगह तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 13 जनवरी को कहा था कि अपरिवर्तित पीडब्ल्यू इंजनों में “असुरक्षित स्थितियां हैं जिससे अवांछनीय परिणाम सामने आ सकते हैं” और इसलिए उन्हें हटाने की जरूरत है। नियामक ने सोमवार को कहा,“ हमने कुछ दिनों पहले फैसला किया था और दोनों एयरलाइन को निर्देश दिया था। दोनों को मिलाकर अब भी ऐसे 60 इंजन हैं जिन्हें बदला जाना है और इसका स्पष्ट कारण निश्चित तौर पर कोविड-19 का असर और उसके परिणामस्वरूप हुआ लॉकडाउन हैं।” इसने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते आपूर्ति श्रृंखलाएं और उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे यह प्रक्रिया बाधित हुई है। डीजीसीए ने कहा, “इस सबको ध्यान में रखते हुए, हमने अंतिम तिथि को तीन महीने यानि 31 अगस्त 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही, हमने फिलहाल के लिए निर्देश दिया कि जिन विमानों में दोनों परिवर्तित इंजन लगे हैं उन्हें उड़ानों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए और यह मुश्किल नहीं होना चाहिए क्योंकि उड़ानों में की गई कटौती अभी कुछ और समय तक लागू रहेगी।” अक्टूबर 2019 में एक हफ्ते के दौरान इंडिगो द्वारा संचालित एयरबस ए320 नियो विमानों में चार बार विमानों का हवाईअड्डे के प्रस्थान स्थान पर वापस लाए जाने (एयर टर्न बैक) या उड़ान के दौरान इंजन बंद होने (इनफ्लाइट शटडाउन) की घटना सामने आई थी। ये घटनाएं पीडब्ल्यू इंजनों के तीसरे चरण के एलपीटी (लो प्रेशर टर्बाइन) ब्लेडों के काम न करने की वजह से हुई थी। नियामक ने 13 जनवरी को, सभी अपरिवर्तित पीडब्ल्यू इंजनों को हटाने की तिथि 31 जनवरी से बढ़ाकर 31 मई की थी।

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