72 सीटों पर OBC: मध्य प्रदेश चुनाव में बड़ी एंट्री

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023: ओबीसी जातियां राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, और आबादी के दृष्टिकोण से ओबीसी समुदाय राज्य का सबसे बड़ा समुदाय है। इस सच्चाई को राजनीतिक दलों ने समझा है, और उनकी पूरी कोशिश ओबीसी मतदाताओं को अपने साथ लेने की है। राहुल गांधी सरकार के बनने पर जातिगत जनगणना कराने का ऐलान किया गया है, और कांग्रेस ने ओबीसी लोगों को बड़ी संख्या में टिकट भी दिए हैं। पार्टी ने कुल 59 प्रत्याशियों में से 68 को ओबीसी से चुना है।

दूसरी ओर, भाजपा भी पीछे नहीं है, और पार्टी ने 68 ओबीसी प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, दावा करते हुए कि वह कांग्रेस से अधिक ओबीसी वर्ग की हिमायती है। पिछले चुनाव में, राज्य की 72 सीटों पर ओबीसी वर्ग की आबादी 40% से अधिक थी, और इसका असर कांग्रेस के पक्ष में दिखाई दिया। खासकर, जहां ओबीसी समुदाय की आबादी 50% से अधिक है, वहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत रही। इसमें से 22 सीटों में से 16 कांग्रेस के हिस्से में थीं। हालांकि, इस तस्वीर में बदलाव हुआ है उपचुनाव के बाद, जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया और उन उपचुनावों में बीजेपी ने 10 सीटों में से ओबीसी बहुल को छीना। वर्तमान में, दोनों ही दलों के पास ओबीसी बहुल के लिए 34-34 सीटें हैं।

ओबीसी समुदाय के लिए बड़े-बड़े वादे हो रहे हैं क्योंकि कांग्रेस ने जातिगत जनगणना के अलावा, 27% आरक्षण का भी वादा किया है, और पार्टी ने किसान कर्ज माफी का भी ऐलान किया है। यह वादा भी ओबीसी आबादी को ध्यान में रखकर किया गया है, क्योंकि प्रदेश में सबसे ज्यादा कृषि योग्य भूमि ओबीसी जातियों के पास ही है। बीजेपी ने भी ओबीसी आयोग का गठन करने, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने जैसे वादे किए हैं।

राज्य की ओबीसी बहुल पर कुछ सीटें:

  • कटंगी: 64.3% ओबीसी आबादी
  • लांजी: 63.7% ओबीसी आबादी
  • वारासिवनी: 62.4% ओबीसी आबादी
  • खिलचीपुर: 62.34% ओबीसी आबादी
  • राजगढ़: 58.83% ओबीसी आबादी
  • सीहोर: 56.8% ओबीसी आबादी
  • परसवाड़ा: 56.3% ओबीसी आबादी
  • मुलताई: 56% ओबीसी आबादी

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